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अपनी लाइफ में हम बहुत सारी ऐसी खाने पीने की चीजे इस्तेमाल करते हैं जिनमें से कुछ हमारे लिए हेल्दी होती हैं वहीं कुछ हमारे लिए नुकसानदेय भी हो सकती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी चीजें भी है खाने पीने की जो कि हमारे लिए toxic हो सकती हैं जहरीली हो सकती हैं और किसी किसी केस में मौत का कारण भी बन सकती हैं आज इस Post के जरिए मैं आपको बताने वाला हूं पांच ऐसे ही खाने-पीने की चीजें जो कि आपके लिए टॉक्सिक हैं और जहरीली है और इनसे आपको हर कीमत पर बचना चाहिए तो चलिए 5 चीजों के बारे बिना किसी देरी के जानना शुरू करते हैं
हरे आलू जो आपकी जान ले सकते हैं
ग्रीन पोटैटो यानी के आलू दोस्तों जो हरे आलू होते हैं अक्सर आपने देखा होगा बहुत सारे आलू पूरा ही हरे होते हैं या फिर उनका एक भाग हरा हो जाता है जो पार्ट आलू का हरा हो जाता है दोस्तों उसके अंदर दो चीजें पाई जाती हैं एक होता है क्लोरोफिल जो कि एक पिगमेंट होता है जो उसको हारा बना देता है और दूसरी चीज होती है सोलेनेस क्लोरोफिल तो एक हार्मफुल चीज है उसका कोई नुकसान नहीं है आराम से खा सकते हैं

लेकिन जो बेसिकली यह एक न्यूरोटॉक्सिक होता है जो कि हमारे लिए जहर का काम करता है अगर आप ने हरे आलू को ज्यादा कॉन्टिटी में इस्तेमाल कर लेते हैं तो उसकी वजह से कुछ लक्षण आपके अंदर आ सकते हैं जिसमें से की हेडक Nausea वोमाटिंग इंटरनल ब्लीडिंग पैरालिसिस या एक्सट्रीम केसेस में, कोमा और डेथ भी हो सकती है तो अगर आप कोई ऐसा आलू ले रहे हैं खाना पकाने के लिए जो पूरी तरह से हारा है तो उसको आपको बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए उसको फेंक देना चाहिए

इनफैक्ट सुरक्षित जगह पर फेंक देना चाहिए जहां पर कोई जानवर भी उसको ना खाए या फिर अगर आप कोई ऐसा आलू ले रहे हैं खाना बनाने के लिए जो कि एक साइड से हरा है एक भाग उसका हरा है बाकी वह ठीक है तो उस हरे भाग को आप काट कर फेंक सकते हैं क्यों कि ऐसा नहीं है कि जहर पूरे के पूरे आलू में आ जाएगा जितना भाग ग्रीन होगा सिर्फ उतने ही पार्ट में जहर उसका पाया जाता है यह आपको ध्यान रखना है
कुछ केस स्टडीज किसके ऊपर हो चुकी है जिसमें यह पाया गया कि सिर्फ 450 ग्राम Pure ग्रीन पोटैटो अगर कोई इंसान खा ले तो उससे इतना सोलेनिस मिल जाता है जिससे एक अच्छे खासे इंसान की डेथ हो सकती है तो ग्रीन पोटैटो मतलब हरे आलू से आपको बचना चाहिए और उसको बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
जायफल खाने के नुकसान
Nutmeg जायफल दोस्तों एक ऐसी चीज है जो कि हमारे इंडिया में गरम मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है जायफल के अंदर एक्टिव कंपाउंड होता है जिसको बोलते हैं Myristicine और Myristicine हमारी बॉडी के अंदर जाकर जब ब्रेकडाउन होता है तो उसकी वजह से एक ऐसा कंपाउंड पैदा करता है
जो कि हमारे नर्वस सिस्टम को इफेक्ट करता है और अगर ओवरडोज हो जाए तो हमारे अंदर डायलिसिस चक्कर आना और कई प्रकार की प्रॉब्लम हो सकती है मरीज के अंदर बावलापन आ जाता है उसको समझ नहीं आता है ऐसा लगता है हवा में उड़ रहा है या अजीब अजीब ख्याल उसके माइंड में आने लगते हैं
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इसके लक्षण आपको सिर्फ एक से डेढ़ घंटे के अंदर आने शुरू हो जाते हैं और करीब 10 घंटे तक आपके अंदर रहते हैं वैसे हमारे इंडिया में दोस्तों जो हम लोग जायफल इस्तेमाल करते हैं वह मसाले की शक्ल में और इस शक्ल में बहुत ही कम कॉन्टिटी इस्तेमाल की जाती है और वह कहीं ना कहीं ठीक भी होता है जिसकी वजह से कोई नुकसान या कोई खतरा हमारे लिए नहीं होता हैलेकिन अगर आप जायफल को दवाई के रूप में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाइयों में बहुत सारे सप्लीमेंट्स में और बहुत सारे घरेलू नुस्खों में जायफल उपयोग किया जाता है
तो ऐसे में आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है आपको इस बात को मैं गौर करने की जरूरत है कि जो जायफल आप ले रहे हैं उसकी ओवरडोज आपके अंदर ना हो जाए अगर आप जायफल का कोई सप्लीमेंट इस्तेमाल करते हैं तो प्रयास करिए कि जो रिकमेंड डोज है उससे ज्यादा आप ना लें आगर आपके डॉक्टर ने आपको कोई नुस्खा बताया है या किसी तरह से आप इसको इस्तेमाल कर रहे हैं तो कोशिश करिए कि जो रिकमेंड डोज है उससे ज्यादा आप ना लें
अगर आप गलती से या फिर जानबूझकर ज्यादा ले लेते हैं तो यह आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है
Bitter Almonds – कड़वे बादाम से क्या होता है
दोस्तों तीसरी टॉक्सिक चीज जो आपको नहीं खानी चाहिए वह है Bitter Almonds कड़वे बदाम मार्केट में दो तरह के बदाम मिलते हैं एक होते हैं sweet almond और एक होते हैं Bitter Almonds आमतौर पर जो ग्रॉसरी स्टोर्स में मिलते हैं वह मीठे बादाम होते हैं जो की पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं कोई नुकसान इनका नहीं होता है लेकिन कभी-कभी क्या होता है इन sweet almond के साथ Bitter Almonds भी मिक्स कर दिए जाते हैं Bitter Almonds टॉक्सिक होते हैं Bitter Almonds के अंदर हाइड्रोजन सायनाइड पाया जाता है

हाइड्रोजन सायनाइड जैसा कि आप जानते हैं दुनिया का सबसे खतरनाक जहर होता है कि इसकी थोड़ी सी भी मात्रा हमारी मौत के लिए काफी होती है Bitter Almonds को जांचने के लिए कुछ केस स्टडीज भी हो चुकी है जिससे यह पता चला कि अगर आप 6 से लेकर 10 तक Bitter Almonds अगर आप खा ले तो उसमें आपको सीरियस प्वाइजनिंग होने के लिए काफी होते हैं और अगर आप इससे ज्यादा 20 से 25 बादाम तक खा लेते हैं
तो आपके शरीर को इतना ज्यादा पॉइजन मिल जाता है कि डेथ भी हो सकती है और अगर आप कोई बच्चे हैं या फिर आपका वजन कम है तो उस केस में आपके लिए खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि ऐसे केसेस में कम क्वांटिटी भी आपके लिए खतरा बन सकती है इसलिए आपको हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि अगर थोड़ा सा भी कड़वा बादाम है तो उसको आपको नहीं खाना है और हमेशा अच्छी क्वालिटी का अच्छे ब्रांड का और अच्छे स्टोर से खरीदना हैं ताकि कड़वे बदाम कि मिलावट ना हो
राजमा खाने से क्या नुकसान होता है
चौथी टॉक्सिक चीज जो कि आपको इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए वह है ऐसी राजमा जो की पूरी तरह से पकी हुई नहीं हो राजमा के अंदर Lectin होता है और Lectin एक जहरीली चीज है जो कि हमारे अंदर बहुत सारे अलग-अलग तरह के टॉक्सिक लक्षण पैदा कर सकता है जिनमें से की बहुत ही कॉमन है Nausea और वोमिटिंग और एक्सट्रीम केसेस में मृत्यु दोस्त Lectin जो कि राजमा के अंदर पाया जाता है यह पकने के बाद पूरी तरह से खत्म हो जाता है तो आमतौर पर जो हम राजमा को पकाते हैं तेज आंच पे तो उसकी वजह से Lectin खत्म हो जाता है

और हमें कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन अगर किसी कारण से राजमा पूरी तरह से नहीं पका है या कच्चा ही हम उसे खा लेते हैं तो उसकी वजह से बहुत सारे सीरियस साइड इफेक्ट्स हमारे अंदर देखे जा सकते हैं कुछ केस स्टडीज हो चुकी है राजमा के ऊपर जिसमें पाया गया कि सिर्फ पांच से छह दाने कच्ची राजमा के खाने से आपके अंदर बहुत ज्यादा सीरियस साइड इफेक्ट हो सकते हैं बहुत ज्यादा सीरियस टाक्सिटी हो सकती है तो इसलिए जब भी आप राजमा को पकाते हैं कोशिश करिए पहले उसको एक से 2 घंटे के लिए पानी में भिगो दीजिये

और उसके बाद उसको तब तक पकाएं जब तक वह पूरी तरह से गल ना जाए पूरी तरह से खाने लायक ना हो जाए थोड़ी सी भी कच्ची आपकी राजमा रह जाती है तो उसके अंदर Lectin बाकी रह जाता है कुछ स्टडीज में यह भी पाया गया कि अगर आप राजमा को पूरी तरह से नहीं पकाते हैं या सिर्फ भिगो लेते हैं या फिर आधी पक्की हुई राजमा होती है तो उसकी वजह से Lectin है और भी ज्यादा बढ़ जाता है 5 गुना तक चला जाता है इसीलिए हमेशा आपको पूरी तरह से पक जाने के बाद इस्तेमाल करें तभी आप सुरक्षित रह पाएंगे
ब्राउन राइस खाने के नुकसान
दोस्तों पांचवी और आखिरी टॉक्सिक चीज जिससे आपको बचना चाहिए आपको इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वह है brown rice यह माना जाता है कि यह बहुत ही अच्छी चीज है और आपको इस्तेमाल भी करना चाहिए लेकिन अगर आप इसको गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है अब कैसे होता है वह समझ लेते हैं जितने Rice भी होते हैं इनके अंदर आर्सेनिक कंसंट्रेशन काफी ज्यादा पाया जाता है
और आर्सेनिक एक बहुत ही टॉक्सिक होता है जिससे की डेथ भी हो सकता है यानी हमारी बॉडी के अंदर जाके यह कैंसर पैदा करने का काम करता है चावल की खेती के दौरान क्या होता है कि चावल के अंदर बहुत सारे फर्टिलाइजर्स डाले जाते हैं और दवाइयां डाली जाती है और इन सभी दवाइयों के अंदर आर्सेनिक काफी ज्यादा मात्रा में होता है

चावल के अंदर एक खासियत होती है कि यह आर्सेनिक को अपने अंदर सोख लेता है क्योंकि वैसे तो यह जितनी भी दवाइयां है यह सभी चीजों में ढलती हैं सभी अनाजों में डालते हैं लेकिन क्योंकि चावल के अंदर कैपेसिटी ज्यादा होती है इसको absorb करने की तो इसी कारण से चावल के अंदर और आर्सेनिक कंसंट्रेशन जो है वह जाता होता है जब हम चावल को इस्तेमाल करते हैं तो यह आर्सेनिक धीरे-धीरे हमारी बॉडी के अंदर जमा होना हो जाता है
आर्सेनिक के अंदर एक खासियत होती है दोस्तों के अगर आप इसको थोड़ी थोड़ी लेते रहेंगे तो यह हमारी बॉडी के अंदर जाकर जमा होता रहता है और यह हमारे अंदर जहरीलापन पैदा करता है और कैंसर पैदा करने का कारण बनता है अगर हम व्हाइट राइस और ब्राउन राइस को कंपेयर करें तो ब्राउन राइस के अंदर आर्सेनिक जो मात्रा होती है वह वाइट राइस के मुकाबले में ज्यादा होता है
क्योंकि जो वाइट राइस होता है यह प्रोसेस होता है और प्रोसेसिंग के दौरान जो आर्सेनिक कंसंट्रेशन है वह उसमें से कम हो जाता है दोस्तों अगर आप चावल को सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सबसे पहले चीज जो आपको करनी है वह यह कि आप को साफ पीने के पानी से ऐसा पानी जो पूरी तरह साफ हो उस पानी से आपको चावल को कम से कम चार पांच बार 8 बार जितनी बार भी आप चावल को अच्छी तरह से आप कुचल कुचल के मसल के और अच्छी तरह से धो लीजिए इस धोने से क्या होता है
कि जो आर्सेनिक होता है वह पानी के साथ Flash out हो जाता है दूसरी चीज तो आपको करनी है कि चावल पकाने से पहले आपको आधा एक घंटा चावल को पानी में भिगो के रखना है और भिगोने के बाद जो पानी उसका होता है उसको पकाने से पहले उस पानी को भी आपको चेंज कर लेना है तो इससे भी जो आर्सेनिक है
वह काफी ज्यादा कम हो जाता है आमतौर पर हमारे इंडिया में जो खाना बनाने का तरीका है उसमें यह चीज शायद फ़ालो होती भी है अगर आप यह तरीका हमेशा अपनाएंगे तो आपके चावल में जो आर्सेनिक की मात्रा है वो काफी हद तक कम हो जाता है और आप चावल को सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कर पाते हैं दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको यह है Postजरूर पसंद आया होगा आप अपना ख्याल रखें और स्वस्थ रहें
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